नमस्कार दोस्तों ! Paise Kaise Kamaye ब्लॉग में आपका स्वागत है. आज की पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि पीतल क्या है और इसका व्यापार कैसे करे। पीतल एक तरह का धातु है। इसको तांबा और जिंक धातुओं को मिला कर बनाया जाता है। इसका अगर संस्कृत में अनुवाद करें तो पीत का अनुवाद पीला होगा।
पीतल की चमक चमकदार, सोने की तरह होती है। इसका प्रयोग सजावट में भी किया जा सकता है। बर्तन के अलावा और भी बहुत कुछ चीजें हैं जो इससे बनाई जा रहीं हैं। जैसे घर के दरवाजे बड़ें वाडरुफ दरवाजो के किवाड़ की कुंडिया हैनडिल आदि.
Table of Contents
पीतल के फायदे (Pital Ke Bartan Ke Fayde)
हकीमो और होम्योपैथी तथा आयुर्वेद के अनुसार के पीतल के समान या बर्तन में पका हुआ भोजन करने से कफ समाप्त हो जाता है।और कर्मी रोग जड़ से समाप्त हो जाता है. दोस्तों आपको पता हैं कि पीतल के बर्तन में सेंवन करनें से Blood Clean होता है और याददाश भी तेज होती है। इस बर्तन में सेवन करने से हमारी पाचन भी अच्छी तरह से होता है। तथा कब्ज दूर होता है। कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है।
आयुर्वेद कहता है कि पीतल के बर्तनों में भोजन करने से। हमारे शारीरिक को हजारों तरह के लाभ होते हैं।आपको पता है। कि पुराने पीतल के बर्तनों में भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसमें एक तरह का जहर विकसित हो जाता है।जो हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। अगर इसमें दुबारा से पालिश करके फिर आप इसमें भोजन कर सकते हैं। आयुर्वेद कहता है कि आप इसमें बनाया हुआ या इसमें परोसा हुआ भोजन करतें हैं। किसी भी तरह कि रोग आप को नही होगा रोगों से बचाव करेगा।और यह खून भी साफ करता है। तथा पाचनशक्ति को मजबूत बनाने में मदद करता है।
दोस्तों आपको पता है । कि अगर आप हमेशा ही इस धातु कि प्रयोग करते हैं तो आप की मस्तिष्क क्षमताओं को विकसित करने में मदद करता है। और मेमोरी को बढ़ा देता है।
पीतल के नुकसान
पीतल के बर्तन में तेज़ आंच पर पकने से यह रियेएक्ट करता है। इस कारण पीतल मे भोजन नहीं पकाना चाहिए.। यह केवल तलने और चावल आदि पकाने के लिए इस का प्रयोग करना चाहिए।इस धातु में भोजन पकाना बहुत ज्यादा हानिकारक है।पूजा में पीतल के बने बर्तनों का प्रयोग किया जाता है। ऐसा लोगों का मानना है कि पूजा-पाठ में पीतल के बर्तन का प्रयोग करने से बृहस्पतिदेव का अच्छा प्रभाव पड़ता है और बिगड़े से बिगड़े कार्य पूरे हो जाते हैं। पीतल के बर्तन में पूजा करने से देवता खुश होते हैं।
पीतल के बर्तन के काम (Pital Ke Bartan Ka Business Kaise Kare)
पीतल के बर्तन के काम में कभी गिरावट नहीं आती है। Market में इसकी बिक्री Always रहतीं हैं। कहते हैं कि आप के पास माल की कमी हो सकती है । इस व्यापार में दुकान में माल की कमी हो सकती है लेकिन खरीदार की कोई कमी नहीं होती. बर्तन के काम को कम पैसे से भी शुरू किया जा सकता है। पीतल के बर्तनों की खरीदारी पूरे साल चलतीं है। शादी का मौका हो या कोई त्यौहार बिक्री दोगुनी हो जाती है और दीपावली के समय बिक्री दोगुनी होती है। इसका व्यापार कहीं से भी किया जा सकता है। यानि दुकान गांव या कहीं से भी किया जा सकता है।
आज कल पीतल, तांबे की बाजार मे मांग बहुत ज्यादा है। इस व्यवसाय में लाभ बहुत मिलता है। इसकी बनावट के अलावा इसकी पालिश काम भी अच्छा होता है। इसमें हम अगर केवल सोने और चांदी की पालिश कि पिलानट लगातें है। तो भी बहुत अच्छा पैसा कमा सकते हैं। पालिश वाले आईटम्स की बिक्री बहुत ज्यादा है। ऐसे आईटम्स विदेश भेजे जा रहें हैं। जिन कीमत भी अच्छी मिलती है।और छोटे छोटे गिफ्ट आइटम्स पर मशीनो से सोने व चांदी का पानी किया जाता है।
पीतल नगरी मुरादाबाद (पीतल के बर्तन कहां बनते हैं)
यह कार्य मुरादाबाद नगरी में बहुत ज्यादा किया जाता है। मुरादाबाद में Brass का काम भी बहुत अधिक मात्रा में होता है। मुरादाबाद को Brass की नगरी कहा जाता है।दिन प्रतिदिन इसकी मांग बढ़ने लगी है।अगर दोस्तों आपको पीतल का व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो आप को सबसे पहले इसके लिए GST रजिस्ट्रेशन नंबर लेना होगा.
जब ही आप इसको कर सकते हो GST की मार बहुत ज्यादा है इस व्यवसाय पर इसमें बहुत आईटम्स बन कर तैयार हो रहें हैं । जैसे पूजा की थाली , नक्काशी वाले आईटम्स जैसे कटोरी , गिलास, चम्मच, कप, केतली, कुरान शरीफ़ रखनें कि बाक्स आदि.
ये कुछ आईटम्स हम आपको बता रहे हैं। जो हम तैयार कराते हैं।
Pital Ka Kya Rate Hai (Pital Ke Bartan Ke Rate)
क्योंकि पीतल एक मिश्र धातु है, इसीलिए पीतल के बर्तन प्राइस भी समय समय पर बदलते रहते हैं. और जब कोई धातु महंगी हो जाती है तो पीतल भी महंगा हो जाता है. जैसे आजकल पीतल का मूल्य लगभग 300-315 रूपये प्रति किलो है. जब आप कोई बर्तन लेने जाओगे तो उसके रेट इसी के अनुसार बताये जायंगे.
पीतल और कांसा की पहचान कैसे करें? (Pital Kaise Banta Hai)
- कांसा एक मिश्र धातु है और यह तांबे और जस्ते अथवा ताँबे और टिन को मिलाकर बनाई जाती है। कांसा, ताँबे की अपेक्षा अधिक कड़ा होता है और कम ताप पर पिघल जाता है। …
- पीतल एक और प्रमुख मिश्र धातु है। यह तांबे और जिंक धातुओं को मिलाकर बनाया जाता है।
- ताँबे की अपेक्षा पीतल अधिक मजबूत होता है। पीतल का रंग भी ताम्बें से अधिक आकर्षक होता है।
संपर्क करे – 9897641780
यह भी पढ़ें :