नमस्कार दोस्तों Paise Kaise Kamaye ब्लॉग की Business Expert Kamai कैटेगरी में आपका हार्दिक स्वागत है. जैसा की आप जानते हैं हम अपने ब्लॉग में आपको अनेक प्रकार के बिजनिस आईडिया बताते रहते हैं. आज की पोस्ट में भी हम आपको एक शानदार बिजनिस आईडिया इ बारे में बतायंगे. आज के इस ब्लॉग में हम आपको एक ऐसे यन्त्र (Dholak in Hindi) के विषय में बताने जा रहे हैं। जिस का प्रयोग केवल भारत में ही नहीं खाड़ी देशों में बहुत किया जाता है। और उसे पसंद भी बहुत ज्यादा मात्रा में किया जा रहा है।
सबसे पहले आपको बता दें कि ढोलक एक वद्ध्य यंत्र होता है. जो लड़की का बना होता है. ढोलक को इंग्लिश में टॉम टॉम कहते हैं.
ढोलक {Dholak} = TOMTOM
ढोल क्या होता हा Dhol in Hindi | Dhol Instrument
कुछ बड़े बड़े ढोलक भी होते हैं जिन्हें हम आम भाषा में ढोल भी कहते हैं.
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ढोलक का करोड़ों का कारोबार (Dholak Information in Hindi)
दोस्तों यह बिजनिस है ढोलक का बिजिनस. इस व्यापार के बारे में अधिक लोग नहीं जानते . इसीलिए हम आज आपको इसकी जानकारी देने जा रहे हैं. क्योंकि इसका कारोबार करोड़ों रुपये का हो चूका है.
यह ढोलक हमारे देश के उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे अमरोहा में बनाईं जा रही है। उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा कस्बा अमरोहा है। जो कि अब तो जिला भी हो गया है। यह जिला ढोलक के कारोंबार में भारत में एक अलग पहचान बनाएं हुए हैं। इसके अलावा और देशों में भी बहुत मशहूर है। खाड़ी देशों में भी इसका बहुत नाम है। अमरोहा में बनने धनवाली चमेली वाधयंत्र की खाड़ी के देशों में बहुत पसंद की जाती है।और इन देशों में अधिक बिकती भी है। संगीत से संंबंधित विभिन्न प्रकार के उपकरण जिले में तैयार होते हैं । हर वर्ष लगभग 50 करोड़ का करोबार केवल अमरोहा से होता है।अमरोहा की ढोलक का उत्पादन भारत ही नहीं खाड़ी देशों में भी धूम मचाए हुए है। अमरोहा में बनने वाली चमेली वाधयंत्र की खाड़ी देशों में सबसे अधिक मांग है।
संगीत से जुड़े कुछ प्रकार के उपकरण जिले में बना कर तैयार किए जाते हैं। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष करीब 50 करोड़ का करोबार अमरोहा में होता है। इस प्रकार इस काम में अमरोहा दुनिया में अच्छी जगह बनाएं हुए हैं। यहाँ लगभग 50 करोड़ का माल तैयार करता है, जिसमें छह करोड़ का माल विदेशों में जाता है ।
भारत में अमरोहा की ढोलक का जनपद वन उत्पाद के अंतर्गत आता है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर इसकेे कारोबारियों तथा इसके कारीगरो को इसका फायदा नहीं हो रहा है। और कुछ लाभ भी नहीं मिल रहा हैै। और लाइसेंस के नाम पर कारोबारियों को परेशान किया जा रहा है। लकड़ी भी बहुत ज्यादा महंगी हो गई है। खाड़ी देशों में बहुत पसंद की जाती है । मांग भी बहुत है। खाड़ी देशों के कारण ही कर में वृद्धि की गई है।
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ढोलक का कारोबार हजारों लोगो के देता रोज़गार (Dholak Ka Business)
अमरोहा मे 500 से ज्यादा इकाइयाँ हैं जो ढोलक का व्यापार कर रहीं हैं । इन इकाइयों में लगभग 20000 लोग इसे बना कर अपना रोज़गार चला रहे हैं और अपना और अपने परिवार का पेट भर रहें हैं।। कुछ ढोलक छोटी होती है। जिन्हें हाथ की सहायता से बजाया जाता और कुछ छोटी-छोटी ढोलके है । जो बच्चों के लिए तैयार की जाती है।
ढोलक का उपयोग कहाँ होता है (Dholak Ke Geet)
ढोलक हमारे देश में हमेशा से उपयोग में लाइ जाती रही है. धार्मिक कार्यक्रम हो या संस्कर्तिक कार्यक्रम सभी जगह ढोलक का उपयोग होता रहा है. सामाजिक विकास के लिए भी इस यंत्र का प्रयोग किया जा रहा है । शादी विवाह के अवसर पर भी गीत गाए जाते हैं तो भी ढोलक का प्रयोग किया जाता है। होली के अवसर पर बहुत बड़े-बड़े ढोल बजाएं जातें हैं। बरात की चढ़ाई के समय ठोल ताशे का बहुत प्रचलन है। बड़े बड़े ठोल बजाएं जातें हैं। ढोलक की ध्वनि वातावरण में नई ऊर्जा का संचार करती है. इसकी आवाज पर डांस बहुत अच्छा होता है। संगीत की जरूरत नहीं होती तभी तो यह हर किसी के मन को लुभाती है ।
ढोलक के प्रकार
ढोलक तीन प्रकार की बनाई जाती है। इसमें एक है ‘ढोलकी‘ जिस को अधिकतर हाथ से बजाया जाता है. दूसरा है ढोल इस को अलग अलग तरह की छड़ियों से बजाया जाता है और तीसरी है ढोलकिया इसे एक हाथ की सहायता से बजाया जाता है। इसे डफली भी कहते हैं। इसे एक तरफ से बजाया जाता है
ढोलक आम, बीजा, शीशम, सागौन या नीम की लकड़ी से बनाई जाती है।
ढोलक का बाज़ार (Market of Dholak)
ढोलक का प्रचलन बहुत पुराना है पुराने ज़माने से ही इसका प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग पहले जमाने में लड़ाई में भी किया जाता था युद्ध के दौरान व युद्धों के क्षेत्रों में भी इसका बहुत महत्व था। लड़ाई में ढोल नगाड़ों से ही दुश्मन को युद्ध के लिए ललकारा जाता था। जीत की खुशी में भी ढोल नगाड़े बजाएं जातें थे।
पहले तो ढोल का प्रयोग महत्वपूर्ण था। यह पूजा और नृत्य गान के अलवा खूंखार जानवरों को भगाने के काम भी आता था। इसके अलावा इसका उपयोग चेतावनी के रूप में भी किया जाता था। आजकल भी बहुत ज्यादा मात्रा में ढोलक कि प्रचलन हो रहा है। अमरोहा की ढोलक की दुनिया में खलबली मची हुई है। यहां से विदेशों में भी बहुत ज्यादा मात्रा में ढोलक बिकती है।
अमरोहा से खरीदने पर कारोबारियों को मूल्य बहुत मुनासिब होगा ।
ढोलक कितने की बिकती है (Dholak Price)
ढोलक का रेट अलग अलग तरह से तय किया जाता है. कुछ ढोलक का मूल्य लकड़ी के हिसाब से होता है। तो कुछ ढोलक के ऊपर जैसा काम होता है, वैसा ही उसका मूल्य होगा।
अमरोहा में ढोलक की कीमत 160 से शुरू होती है और 5000 हजार तक जाती है।
अगर आप भी इस यंत्र को खरीदना चाहते हैं। तो इस नबर पर सम्पर्क करे – 9698615786
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निष्कर्ष : ढोलक बिजनिस से पैसे कैसे कमायें ?
दोस्तों आज की पोस्ट “ढोलक का बिजनिस | Dholak Ka Business Idea Hindi” में हमने आपको पैसे कमाने का एक ज़बरदस्त तरीका पोस्ट किया है | जो लोग अपना कारोबार करना पसंद करते हैं और उनके पास जादा बजट नहीं है वह ढोलक का काम कर सकते हैं. ढोलक का बिजनिस करकर आप बहुत अच्छा पैसा कमा सकते हैं | और दूसरे लोगों को भी रोज़गार दे सकते हैं |
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